शनिवार, 31 अगस्त 2013

संगम विहार के लोगों को सोनिया विहार से कब तक पानी की स्पलाई मिल जाएगी?

डॉ.एस.सी.एल.गुप्ता  ने सरकार पर आरोप लगाया है कि पानी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पिछले कई वर्षों से अनधिकृत बस्तियों में रहने वाले लोगों के साथ भेदभाव कर रही है जो दुर्भाग्य पूर्ण है।
उन्होंने बताया  26 अगस्त 2008 को संगम विहार बाँध पर सौनिया विहार जल शोधक संयंत्र से संगम विहार के लोगों को शुद्ध पानी देने का वादा करते हुए खुद मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में पाई पलाईन बिछाने का भी शुभारंभ किया था। लेकिन अब 4 वर्ष बीत जाने पर भी दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्षा एवं मुख्यमंत्री अपने वायदे को पूरा क्यों नहीं कर सकी?


डॉ.एस.सी.एल.गुप्ता  कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाली शीला सरकार अनधिकृत बस्तियों को नियमित करने के लिए पिछले 14 वर्षों से आए दिन ड्रामा कर दिल्ली की भोली भाली जनता को गुमराह कर ही है। लेकिन इन बस्तियों में अभीतक मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और एसी कालोनियों में अभी भी पानी के लिए हाथा-पाई तथा झगङे होना आम बात है।
डॉ.एस.सी.एल.गुप्ता ने पूछा है कि आम जनता मुख्यमंत्री से जानना चाहती है कि संगम विहार के लोगों को सोनिया विहार से कब तक पानी की स्पलाई मिल जाएगी?
 


 
 

संगम विहार से डीटीसी की दो नई बस सेवाएं 440 व 473 ए शुरू हुईं

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बृहस्पतिवार, 11 मार्च 2010

विन्ध्यंचल की माटी को अनुसन्धान, आश्रम और आन्दोलन का केंद्र वनाये स्वमी रामदेव बाबा : कवि हरदयाल कुशवाहा

 
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आदरनिये स्वमी (रामदेव बाबा ) जी को वंदन तिथी : ११ मार्च २०१०

हम बुंदेलखंड वासी आप से अनुग्रह और आग्रह के साथ निवेदन करते है कि हम लोग भारत स्वभिमान परिषद् के सदस्यता लेना चाहते है हम तकरीवन १५०००० लोग बुंदेलखंड आन्दोलन से जुड़े हुये है और जैसा आप को मालूम हो कि बुंदेलखंड आकाल से ग्रसित है आप इस उपेक्षित अंचल कि और स्वयं और देश के राजनेताओं का ध्यान आकर्षित की कृपा करे. विन्ध्यंचल का वो अंचल जहा विपदाओ को निवारण करनेवाला माना जाता था और जब किसी भी काल मे और युग मे किसी पर विपदाओ का समय आया तब सभी ने विन्ध्यंचल मे शरण ली



अब विपदाओ ने हम विन्ध्यंचलवासियों को घेरा है हम कहा जाये आज देश हमें भूखा और भिखमंगा समझकार धुत्कर्ता है आप के स्वभिमान और भारत के स्वभिमान मे क्या हमें भी स्वभिमान से रहने का हक़ मिलेगा . आप को मालूम है यहाँ कि माटी मह्रिषी वेदव्यास,चाणक्य,भवभूति ,ऋषि भरद्वाज ,मार्कंडेय ,अत्री ,दत्तात्रेय महाकवि कालिदास,तुलसीदास जैसे मह्रिषी ऋषि और संतो की जन्म कर्म और धर्म भूमी रही है और आश्रम जो उस समय हिन्दुओ और अर्यो के अनुसन्धान केंद्र रहे है


हम बुंदेलखंड वासी आप से अनुग्रह और आग्रह के साथ निवेदन करते कि आप विन्ध्यंचल की माटी की शरण मे आये यहाँ अनुसन्धान केंद्र,आश्रम और भारत स्वभिमान परिषद् आन्दोलन का केंद्र वनाये प्रभु राम जी रावण के युद्ध से पहले १३ वर्षो तक विन्ध्यंचल की पवित्र भूमी मे संघठन के मजवूत किया यहाँ की वनजातियों जनजातियों सिद्ध नाग और अन्य जन समूह आप के साथ रहेगे और हम विन्ध्यंचलवासियों को शरण प्रदान करे
हम बुंदेलखंडवासियो के साथ
आपका बुन्देली प्रचारणी मित्र 


विधायक डॉ. एस. सी. एल. गुप्ता  
राष्ट्रिये बुंदेलखंड जन विकास मंच 
बुन्देली थाती - भारतीय थाती (राष्ट्रिये स॑योजक)
बुन्देली लोक कला स॑स्क्रति विकास परिषद दिल्ली (अध्यक्ष)
बुन्देली साहित्य अकादमी दिल्ली (संस्थापक )

# +91-9990807740


डीटीसी की दो नई बस सेवाएं 440 व 473 ए शुरू हुईं



स ॥ तुगलकाबाद : कालकाजी एक्सटेंशन इलाके से शुक्रवार को डीटीसी की दो नई बस सेवा 440 और 473 ए शुरू हुई। इलाके के लोग काफी समय से दोनों बस सेवाओं को शुरू करने की मांग कर रहे थे। रूट नं. 440 पर चलने वाली बसें कालकाजी एक्सटेंशन में सत्य साईं स्कूल से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक जाएगी।
इसी तरह रूट नं. 473ए के तहत चलने वाली बसें हमदर्द नगर, संगम विहार, तुगलकाबाद गांव, लालकुआं, पुल प्रह्लादपुर, बदरपुर से होते हुए आनंद विहार बस अड्डे तक जाएगी। रास्ते में अगर कोई बदरपुर, तुगलकाबाद, सरिता विहार और जसोला अपोलो मेट्रो स्टेशनों से मेट्रो पकड़ना चाहेगा तो उसके लिए यह एक तरह की फीडर सेवा भी होगी। इसी तरह होली फैमिली और जीवन अस्पताल जाने वालों को भी राहत मिलेगी।
दोनों बस सेवाओं का उद्घाटन विधायक रमेश बिधूड़ी, डॉ. एस.सी.एल. गुप्ता, सरिता चौधरी, राजपाल पोसवाल, पूनम भाटी ने किया। डीटीसी के कई अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद थे।

गुरुवार, 12 मार्च 2009

अपनी भाषा अपनी पहचान

"संघे शक्ति कलयुगे"
१ मार्च २००९ को खानपुर में आयोजित मैथिली भोजपुरी कवि सम्मलेन में जन प्रिये विधायक डॉ. गुप्ता ने कहा कि “मैंने इस क्षेत्र के निवासियों की कुछ ख़ास विषेस्ताये देखी है ,जो भी लोग वाहर से आये उन सभी में परस्तिथीयो से लड़ने की आदभुद क्षमता देखी, मित्रो ! मै भी आप ही की तरह एक दिन अपना गाव छोड़ इस शहर में आया था क्योकि मेरे अदंर भी लड़ने की ताकत थी,मै अपने उन गाववालो से थोडा कुछ वेहतर रहा होगा,तब में वहा से छोड़ के भाग के आया और जैसे मै आया वैसे आप भी मेरे तरह आये होगे कुछ करने और कुछ बनने की चाह आपके यहाँ लाई,इसलिए यहाँ पर बैठा हर व्यक्क्ती अपने आप में एक लीडर है और उन्हें मै बोलूगा कि वे पैदायसी लीडर है तभी वे अपनों को छोड़ यहाँ पर है जैसा कहते है कि "संघे शक्ति कलयुगे" कलयुग में संगठित रहने में ही हमारी ताकत है आप से एक वादा मै लेना और देना चाहता हु आप चाहे, मैथिली, भोजपुरी, बंगाली,बुन्देली,पहाडी राजस्तानी या जो भी भाषा-भाषी या क्षेत्रवासी हो इतना तय कर लीजिये कि आप अपनी भाषा अपनी पहचान को बनाये रखे, और इसे सहेजे और सहेजने की प्रेरणा आने वाली पीडियों को दे” .................
स॑योजक- हरदयाल कुशवाहा
''बुन्देली बुलंद भबिष्य का प्रबंध''
बुन्देली थाती लोक कला स॑स्क्रति विकास परिषद